संग्रह: पारंपरिक दीवार मुखौटा
भारत की सांस्कृतिक टेपेस्ट्री की गहराई में, पेपर माचे का प्राचीन शिल्प फलता-फूलता है। कला और परंपरा के चौराहे पर जन्मा, यह शिल्प एक सदी पहले एक संपन्न उद्योग बन गया, जिससे शानदार मुखौटे तैयार होते थे जो दरवाजे और दीवार पर लटकाने का काम करते थे। "पेपर माचे" शब्द का अर्थ मुड़े हुए कागज से कहीं अधिक है; यह परंपरा, आजीविका और मिथक का भार वहन करते हुए ढले हुए कागज के गूदे से लेकर जटिल स्तरित पट्टियों तक तकनीकों की एक विविध श्रृंखला का प्रतीक है। ये उत्कृष्ट पेपर माचे मास्क न केवल आपकी जगह को सजाते हैं बल्कि अपने साथ भारतीय विरासत की समृद्ध टेपेस्ट्री और इसके कारीगरों के कुशल हाथों को भी ले जाते हैं।
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गरुड़ माजुली दीवार मास्क
नियमित रूप से मूल्य Rs. 2,500.00 INRनियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रति -
कृष्णा माजुली दीवार मास्क
नियमित रूप से मूल्य Rs. 2,800.00 INRनियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रति -
नरसिम्हा माजुली दीवार मास्क
नियमित रूप से मूल्य Rs. 3,500.00 INRनियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रति -
हनुमान माजुली दीवार मास्क
नियमित रूप से मूल्य Rs. 2,800.00 INRनियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रति -
गणेश माजुली दीवार मास्क
नियमित रूप से मूल्य Rs. 1,500.00 INR सेनियमित रूप से मूल्ययूनिट मूल्य / प्रति
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